9 से 5 की नौकरी हर किसी को पसंद नहीं होती है। वह पैसा कमाता है, लेकिन हमेशा कुछ याद करता है। ऐसा ही कुछ IIT के पूर्व छात्र किशोर इंदुकुरी के साथ हुआ। वह अमेरिका में उच्च वेतन वाली नौकरी कर रहा था। लेकिन, एक दिन अपनी खुशी के लिए उसने अपनी आरामदायक नौकरी छोड़ दी, ताकि वह अपना कुछ शुरू कर सके।
भारत लौटकर उन्होंने 20 गायें खरीदीं और डेयरी फार्मिंग में अपनी किस्मत आजमाई। शुरुआती मुश्किलों के बाद उनकी मेहनत रंग लाई। आज इंदुकुरी डेयरी 44 करोड़ की कंपनी बन गई है। इंटेल की नौकरी छोड़कर, किशोर ने हैदराबाद में SIDS फार्म नाम से एक डेयरी फार्म शुरू किया और सब्सक्रिप्शन के आधार पर ग्राहकों को मिलावटी दूध पहुंचाना शुरू किया। उनके विचार ने काम किया और कंपनी का विकास जारी रहा।
किशोर मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका पहुंचे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें अमेरिका की जानी-मानी कंपनी इंटेल में नौकरी मिल गई। उन्होंने लगभग 6 वर्षों तक इंटेल की सेवा की। 2012 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपनी डेयरी शुरू की। यह कंपनी आज हर दिन करीब 10,000 ग्राहकों तक दूध पहुंचा रही है और करोड़ों का कारोबार कर रही है।
ऐसे शुरू हुआ सफर
आईआईटी खड़गपुर इंदुकुरी से स्नातक मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। आगे की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका के मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी गए।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद किशोरी इंदुकुरी अमेरिकी टेक कंपनी इंटेल से जुड़ गईं। अच्छी नौकरी मिल गई, लेकिन इंदुकुरी का मन नहीं भरा।
6 साल बाद नौकरी को कहा ना
इंदु किसी तरह अपनी जड़ों की ओर लौटना चाहती थी। छह साल तक इंटेल के साथ काम करने के बाद आखिरकार उन्होंने अमेरिका में अपनी नौकरी को अलविदा कह दिया और भारत लौट आए।
ऐसे शुरू हुआ डेयरी फार्म
भारत लौटते ही इंदु को कुछ कारोबार करना था। उन्होंने जल्द ही महसूस किया कि भारत में अच्छे और स्वस्थ दूध के कुछ ही विकल्प हैं। इसलिए उन्होंने डेयरी फार्म शुरू करने का फैसला किया।
20 गायों के साथ शुरू हुआ सफर
दूसरों की तरह इंदु का भी सफलता का सफर बहुत छोटी शुरुआत से ही शुरू हो गया था। 2012 में उन्होंने महज 20 गायों के निवेश से शुरुआत की थी। खुद गायों का दूध दुहने से लेकर सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने लगे।
इस तरह किया पहला निवेश
किशोरी इंदु ने परिवार के साथ फ्रीज और स्टोर सिस्टम स्थापित करने के लिए पहला निवेश किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दूध दूध देने से लेकर डिलीवरी तक लंबे समय तक चलता रहे। तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
44 करोड़ वार्षिक आय
इंदुकुरी की मेहनत का ही नतीजा था कि महज 6 साल में उन्होंने अपने काम में ऊंचाइयों को छुआ। 2018 तक उनका डेयरी फार्म हैदराबाद के आसपास के 6,000 ग्राहकों के लिए दूध आपूर्तिकर्ता बन गया।
उन्होंने अपने बेटे सिद्धार्थ के नाम पर खेत का नाम सिड रखा। वर्तमान में डेयरी फार्म ने अपने संचालन को 120 कर्मचारियों तक बढ़ा दिया है और 44 करोड़ की वार्षिक आय अर्जित की है।
फार्म से रोजाना 10,000 ग्राहकों को दूध की आपूर्ति की जाती है।
इतने सारे प्रोडक्ट करते है तैयार
अपने फार्म में गाय और भैंस के दूध से शुरू होकर, इंदुकुरी अब कई तरह के उत्पादों का निर्माण कर रही है। इनमें घी, दही, जैविक पनीर, गाय का दूध और भैंस का दूध शामिल हैं।