प्रकृति ने मनुष्य को हर विपरीत परिस्थिति का सामना करने के योग्य बनाया है। मुसीबतें कितनी भी बड़ी क्यों न हों, इंसान का आत्मविश्वास, मेहनत और लगन उसे घुटने टेक देता है। हमारे देश में प्रतियोगी परीक्षाओं का अलग ही महत्व है। नाम और हैसियत का प्रतीक बन चुकी सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं है। सीटें कम हैं और लाखों-करोड़ों फिलिंग फॉर्म हैं।
पहले मजदूरी के लिए फावड़ा उठाया, अब अफसर बनकर कलम उठाएगी
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के एक लेख के अनुसार, 28 वर्षीय सेल्वाकुमारी ने पहले ही प्रयास में केरल पीएससी परीक्षा पास कर ली है। सेल्वाकुमारी की मां इलायची के खेतों में काम करती थीं और सेल्वाकुमारी ने भी इलायची के खेतों में काम करते हुए यह करिश्मा किया था।
माँ ने अकेले पाला
केरल के वंडीपेरियार के छोट्टुपारा गांव की सेल्वाकुमारी की मां ने अकेले ही उनका पालन-पोषण किया। सेल्वाकुमारी के पिता मां-बेटी को अकेला छोड़ गए थे। सेल्वाकुमारी की दो छोटी बहनें थीं और माँ के लिए तीनों को अकेले संभालना संभव नहीं था। सेल्वाकुमारी ने भी अपनी माँ की मदद के लिए इलायची के खेतों में काम करना शुरू कर दिया।
एमफिल में प्रथम स्थान
सेल्वाकुमारी एक कमरे के घर में अपनी मां और दादी के साथ रहती हैं। इतनी मुश्किलों के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। सेल्वाकुमारी ने सरकारी महिला कॉलेज, तिरुवनंतपुरम से गणित में स्नातक किया। उन्होंने एमफिल में टॉप किया है।
मलयालम नहीं बोल पाती थी, इसलिए कॉलेज में मजाक उड़ाया जाता था
सेल्वाकुमारी मलयालम में बात नहीं कर सकती थीं। इस वजह से वह कॉलेज और क्लास में उनका मजाक उड़ाता था। सरकारी नौकरी पाने का सपना देखने वाली इस मेहनती लड़की को कोई फर्क नहीं पड़ा।
आज ही अपने सपनों को साकार करें। सेल्वाकुमारी ने सबका मुंह बंद कर दिया है